मेरे अक्स को तू माने या न माने वो रहेगा
मेरे किरदार को तू पहचाने या न पहचाने
वो रहेगा
मूंदने से आंखे रोशनी स्याह नहीं हुआ करती
नफ़रत से कभी फ़िज़ा
धुंआ नहीं हुआ करती।
वाह
वाह
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