Sunday, January 2, 2022

मेरा अक्स

 मेरे अक्स को तू माने या न माने वो रहेगा

मेरे किरदार को तू पहचाने या न पहचाने

वो रहेगा

मूंदने से आंखे रोशनी स्याह नहीं हुआ करती

नफ़रत से कभी फ़िज़ा

धुंआ नहीं हुआ करती।

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