तथाकथित तौर पर नूपुर शर्मा का समर्थन करने पर उदयपुर में एक व्यक्ति की हत्या कर बाकायदा एक वीडियो बना कर वायरल किया गया है ।ये तालिबानी न्याय करने और उस पर गर्व करने वाले वहीं लोग हैं जो हिंदू देवियों के भद्दे चित्र बनाने वाले के लिए अभिव्यक्ति की आज़ादी का समर्थन करते हैं।जो किसी दूसरे धर्म की आस्था और अस्तित्व को स्वीकार नहीं करते वो छूरा लिए सड़कों पर नबी की शान में गरदने रेतते घूम रहे है।हमे याद होगा कि जनवरी2015 में फ्रांस में शार्ली हेब्दो में छपे एक कार्टून पर विवाद हुआ था ।जिस पर जिहादियों ने बदले के लिए आंतकी हमला किया था।इस हमले को फ्रांस पर किये सबसे बड़े आंतकी हमलो में शुमार किया जाता है।मुद्दे की बात ये है कि,आज जो घटना हुई,और आगे भी जो ऐसी घटनाएं होंगी न तो उनका संबंध किसी घटना विशेष से है और न ही इसे किसी व्यक्ति की मानसिकता समझ कर खारिज किया जा सकता है।यह सुनियोजित नीति के तहत जिहादी एजेंडे को आगे बढ़ाने का एक्शन प्लान है।कश्मीर में जिहादी रणनीति के असफल हो जाने से दुनिया भर में इस्लामिक आतंक का मुह काला हुआ है।इस्लामिक देशों से भी फंड्स मिलने में समस्याएं आ रही है।भारत की इस सफलता को दुनिया भर से समर्थन मिला है,आंतक से लड़ने वालों के हौसले बुलंद हुए हैऔर ये खूनी खेल खेलने वालों ,आतंक का व्यवसाय करने वालों के लिए अस्तित्व की लड़ाई है।इस तरह की घटनाएं ये जताने की कोशिश हैं जिहादी अभी हारे नहीं, ये लड़ाई लंबी है और अब हर गली कूचे तक पहुंचेगी ,आम आदमी को कत्ल करना आसान है,ऐसी घटनाओं से प्रचार पाना भी आसान है लेकिन एक बात जो अब बिल्कुल आसान नहीं रही वो है कश्मीर को पुरानी स्थिति में वापस ले जाना।भारत आतंकियों और जिहादियों के फन ऐसे ही कुचलेगा ,इस्लामिक जिहाद के नाम पर उसे झुकाया नही जा सकेगा।यह समय धैर्य और दृढ़ता का परिचय देने का है।आक्रोश में उठाया गया कदम आतंकियों की ही रणनीति को सफल बनायेगा।संयम बनाये रखे ये देश हमारा है हम इसे आग में नहीं झोंक सकते।