Friday, October 14, 2022

मेरी कवितायेँ

मेरी कविताएं - 1


मेरे अक्स को तू माने या न माने वो रहेगा

मेरे किरदार को तू पहचाने या न पहचाने

वो रहेगा

मूंदने से आंखे रोशनी स्याह नहीं हुआ करती

नफ़रत से कभी फ़िज़ा

धुंआ नहीं हुआ करती।



मेरी कविताएं - 2


वफ़ा हम क्या करते

 जब तू पहले ही मान बैठा,कि

 हम तेरी मुहब्बत के 

क़ाबिल ही नहीं

सफाई क्या देते

दामन पर लगे दागों की

जब तू पहले ही ठान बैठा,कि

हम तेरी उल्फ़त के क़ाबिल ही नहीं



मेरी कविताएं - 3


तूने नोचे उसके तन से कपड़े जहां 

जिंदा ही जला दिया

वहशीपन ने तेरे

 किसी औरत के खून को ही शर्मशार किया ,

खुदा की खुदाई तो देखो ,

मौत ने तेरा वही इंतज़ार किया।



मेरी कविताएं - 4


अभी देश बनने की राह में माना अड़चने बहुत है।

पत्थर तुम्हारे हाथों में सही पर फौलाद हमारे हौसलों में है।                        

 तुम अगर बागी बने हो नींव हिलाने को तो ये भी जानो

तपा कर जिसे लौह किया वो सलाख हमारी बुनियादों में है।                 

फूंक कर ये वतन चिल्लाते फिर रहे हो आज़ादी आज़ादी।                            

 तू दीन का न दुनिया का खुद है अपनी बर्बादी।