Sunday, January 21, 2024

है अभिनंदन ओ अयोध्यानंदन!

है अभिनंदन

ओ अयोध्यानंदन!

हे रघुराई!

तेरी राह देखत

अँखियाँ पथराईं,

सदियों में

यह शुभ घड़ी आई.

 

है अभिनंदन

ओ अयोध्यानंदन!

हे रघुराई!

जगमग दीपावली आई

सरयू में चमक छाई,

खिले पुष्प-पुष्प

कली-कली मुस्काई.

 

है अभिनंदन

ओ अयोध्यानंदन!

हे रघुराई!

बुहारो भूमि, घर-द्वार

सजाओ वंदनवार,

आते हैं रामलला

आह्लादित तरुणाई.

 

है अभिनंदन

ओ अयोध्यानंदन!

हे रघुराई!

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21.01.2024