है अभिनंदन
ओ अयोध्यानंदन!
हे रघुराई!
तेरी राह देखत
अँखियाँ पथराईं,
सदियों में
यह शुभ घड़ी आई.
है अभिनंदन
ओ अयोध्यानंदन!
हे रघुराई!
जगमग दीपावली आई
सरयू में चमक छाई,
खिले पुष्प-पुष्प
कली-कली मुस्काई.
है अभिनंदन
ओ अयोध्यानंदन!
हे रघुराई!
बुहारो भूमि,
घर-द्वार
सजाओ वंदनवार,
आते हैं रामलला
आह्लादित तरुणाई.
है अभिनंदन
ओ अयोध्यानंदन!
हे रघुराई!
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21.01.2024