Friday, February 4, 2022

ऐ प्यार

 ऐ प्यार जब तूने मुझे पलट के देखा पहली बार

जैसे छेड़ दिए किसी ने मन की वीणा के तार

कुछ अनछुए से अहसासों की रागिनी

कुछ अनसुने से सुरो का मल्हार

ऐ प्यार जब ..........

तेरा मुस्कुराना और मेरी नज़रो का झुक जाना 

जैसे वहीं थम के रह गई धड़कनों की रफ्तार

दिल ने बुने नई उम्मीदों के संसार

ऐ प्यार जब ..........

न जाने कैसे तू ज़िंदग़ी में हुआ शुमार

बँधती गई तेरे नाम के बंधन में कई कई बार

खुद को ख़ुद ही से हुआ प्यार

ऐ प्यार......

1 comment:

  1. सुरों के मल्हार से निकला संगीत
    अनकहे शब्दों ने गाया प्रेम गीत,
    थिरकती रही प्यार में भीगी बहार
    ऐ प्यार जब तूने मुझे पलट के देखा पहली बार।

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