न जीता है कोई न मरता है कोई,
यूं ही वक़्त के साथ गुज़रता है हर कोई,
बस ज़िन्दगी के सफ़र से गुज़रते गुज़रते
कोई हंसता है तो रोता है कोई
किसी और के लिए सोचते और गुज़रते
अपने ही ख्याल में डूबते और उभरते
कुछ मुकम्मल कुछ बेहतर कर् जाए
उसे ही यादों में रखता है हर कोई...
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