बिखरा-बिखरा
अधूरा- अधूरा सा
क्यों ये संसार
हम दोनों के
दरमियां,
एक दिल एक जान थे
कभी
क्यों बंटा ये
ज़मी-आसमां
हम दोनों के
दरमियां,
बसे थे जो नज़रों
में कभी
क्यों धुंधले हुए
ख्वाब
हम दोनों के
दरमियां,
बाँधा जिस धागे ने
टूटा वो ही
क्यों ये हालात
हम दोनों के
दरमियां,
थामे जिनके हाथों
ने हाथ कभी
फिर ये फासला
क्यों
हम दोनों के
दरमियां,
हाथ छूटे रिश्ते
गए टूट के बिखर
क्यों ये मजबूरी
हम दोनों के
दरमियां.
14.03.2023
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