तू ऐसी रूठी
ओ महबूब ज़िन्दगी!
तुझे मनाना
मुश्किल हो गया,
लम्हे में ऐसी
बदली
ओ महबूब ज़िन्दगी!
तुझे जानना
मुश्किल हो गया,
यूँ स्याह हुई तू
ओ महबूब ज़िन्दगी!
तुझे खोजना
मुश्किल हो गया,
टूटी तो ऐसी बिखरी
ओ महबूब ज़िन्दगी!
तुझे जोड़ना
मुश्किल हो गया,
हो कितनी भी बेरुख
तू
ओ महबूब ज़िन्दगी!
तेरे बिना साँस
लेना मुश्किल हो गया,
महबूब है तू मेरी
ओ ज़िन्दगी!
तुझे भूल जीना
मुश्किल हो गया.
11.03.2023
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