Saturday, March 11, 2023

ओ महबूब ज़िन्दगी!

तू ऐसी रूठी

ओ महबूब ज़िन्दगी!

तुझे मनाना मुश्किल हो गया,

 

लम्हे में ऐसी बदली

ओ महबूब ज़िन्दगी!

तुझे जानना मुश्किल हो गया,

 

यूँ स्याह हुई तू

ओ महबूब ज़िन्दगी!

तुझे खोजना मुश्किल हो गया,

 

टूटी तो ऐसी बिखरी

ओ महबूब ज़िन्दगी!

तुझे जोड़ना मुश्किल हो गया,

 

हो कितनी भी बेरुख तू

ओ महबूब ज़िन्दगी!

तेरे बिना साँस लेना मुश्किल हो गया,

 

महबूब है तू मेरी

ओ ज़िन्दगी!

तुझे भूल जीना मुश्किल हो गया.

 

11.03.2023


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