हदें तोड़ने का
अंजाम भुगतना होगा
तुझे आग में जलना होगा
श्रापित है तू गाज़ा..
तुझे यूँ ही उजड़ना होगा।
सत्य को नकारने की
भूल की तूने
तरुणाई को राख बनना होगा
श्रापित है तू गाज़ा..
तुझे यूँ ही उजड़ना होगा।
नन्हे बच्चों को
जिहाद के राक्षस का
निवाला बनना होगा
श्रापित है तू गाज़ा..
तुझे यूँ ही उजड़ना होगा।
दुस्साहस कर
मौत को दिया न्योता
तुझे चीखों से दहलना होगा
श्रापित है तू गाज़ा..
तुझे यूँ ही उजड़ना होगा।
जुनूनी, अंधों के सिर
सजाया ताज तूने
तुझे सभा में नग्न होना होगा
श्रापित है तू गाज़ा..
तुझे यूँ ही उजड़ना होगा।
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12.11.23
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