Sunday, November 5, 2023

अभी थका नहीं मैं

अभी थका नहीं मैं

तिमिर से लड़ते हुए

किरनपुंज है व्यग्र

मेरे हृदय का

इस तम को देखने को

छँटते हुए..


फिर बजेगी रणभेरी

सूरज से आँख मिलाते हुए

चमकेगी असि

ले नाम भवानी का

देखेगा काल तड़ित को

लहराते हुए..


अभी शेष है

तप्त प्रवाह रुधिर का

उद्वेग खड़ा, भय को बाँधे हुए

यौवन फड़कता ललकार पर

देखेगा रण पौरुष को संघर्ष

करते हुए..

+

04.11.23

 


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