दृश्य-अदृश्य के मध्य
मोह और भक्ति में
झूलता संसार..
दृष्टि के भ्रम में
खोया
हृदय में बैठा
अदृश्य संसार..
स्वयं को जाने बिना
तुच्छ के पीछे
भागता संसार..
लक्ष्य जीवन का माया
नहीं
ठगनी के मोह में सब
गँवाता संसार..
अदृश्य से आरंभ वही
अंत है
फिर उस अदृश्य विराट
को क्यों न
पहचानता संसार..
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13.12.2023
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