Thursday, March 14, 2024

हम न जाने कहाँ जाएँगे

एक रोज़ हम न जाने

कहाँ गुम जाएँगे

बस किस्से ही रह जाएँगे

साथ छूट जाएँगे

हाथ खाली रह जाएँगे

बस यादें हमारी

दीवारों से टकरा

वापस आएँगी

हम न जाने

किस धुन्ध में खो जाएँगे

शब्द गूँजेंगे

दिल की गहराइयों में

अक्स मिट जाएँगे

दुनिया यहीं रह जायेगी

हम न जाने कहाँ जाएँगे

यूँ ही रंग सजे रहेंगे

घिरे रहोगे मेलों में

फिर भी तन्हाइयों में

हम याद आएँगे...

 

14.03.24


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