Tuesday, February 28, 2023

तन्हा तन्हा रहता हूँ

 मैं खुद ही खुद से डरता हूँ,

इसलिए तन्हा तन्हा रहता हूँ।

झलके न आँखों से छवि तेरी,

बंद आँखें अपनी रखता हूँ।

हर्फ न टपकें आँसू बन कर,

जुबां सिल खामोशी बुनता हूँ।

आज़ाद हवा करे न तुझसे दूर,

बाँध परों को खुद में सिमटा हूँ।

मैं खुद ही खुद से डरता हूँ,

इसलिए तन्हा तन्हा रहता हूँ।

 

28.02.2023

Thursday, February 23, 2023

राह में कांटे बिछा बैठे

 जो मुमकिन न था पाना

उससे ही दिल लगा बैठे,

एक हंसते हुए दिल को

हम अश्कों में डुबा बैठे.

तूफान था दरिया में

बेरुख थी हवाएं,

आजमाइश ए तकदीर में

हम अपनी कश्ती डुबा बैठे.

हर ख्वाहिश को पर नहीं लगा करते

सहरा में चश्मे नहीं मिला करते,

समुंदर से शहद की चाह में

हम अपनी राह में कांटे बिछा बैठे.

 

23.02.2023

Sunday, February 12, 2023

मुलाकात खुद से खुद की

 स्याह रातें गवाह है, सच की

टूटे ख्वाबों और बेबसी में 

डूबे आंसुओं की


उजालो में जो रूबरू दुनिया से

 वो अधूरी तस्वीर मेरी

बाकी तस्वीर अमानत अंधेरों की


सजा के होठों पे मुस्कान

छुपा रखे है हिसाब

ज़िंदगी से मिली ठोकरों की


उजाले करते चकाचौंध मुझे

अंधेरों में ही होती

मुलाकात खुद से खुद की


05.02.23