Tuesday, February 28, 2023

तन्हा तन्हा रहता हूँ

 मैं खुद ही खुद से डरता हूँ,

इसलिए तन्हा तन्हा रहता हूँ।

झलके न आँखों से छवि तेरी,

बंद आँखें अपनी रखता हूँ।

हर्फ न टपकें आँसू बन कर,

जुबां सिल खामोशी बुनता हूँ।

आज़ाद हवा करे न तुझसे दूर,

बाँध परों को खुद में सिमटा हूँ।

मैं खुद ही खुद से डरता हूँ,

इसलिए तन्हा तन्हा रहता हूँ।

 

28.02.2023

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